- आहारात् सर्वभूतानि सम्भंति। [1]
आहार से ही सभी प्राणी उत्पन्न होते हैं।
- आहारेण विवर्धंते तेन जीवंति जंतव:। [2]
आहार से ही प्राणी जीवित रहते हैं उसी से प्राणियों की वृद्धि होती है।
- आहारनियमेनास्य पाप्मा शाम्यति राजस:। [3]
नियमित आहार करने से ऋजु का पाप शांत हो जाता है।