भर्ता (महाभारत संदर्भ)

भर्ता = पति

  • भार्यां परिरक्षंति भर्तारोऽल्पबला अपि।[1]

निर्बल पति भी अपनी पत्नी की रक्षा करता है।

  • भर्ता नाम परं नार्या भूषणम् भूषणैर्विना।[2]

पति है तो नारी बिना आभूषणों के भी आभूषित है।

  • अमितस्य हि दातारं भर्तारं का न पूजयेत्।[3]

अनंत सुख देने वाले पति की कौन पूजा नहीं करेगी।

  • भर्तु: प्रसादान्नरीणां रतिपुत्रफलं तथा।[4]

पति की प्रसन्नता से नारी को रति और पुत्र का फल मिलता है

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वनपर्व महाभारत 12.68
  2. वनपर्व महाभारत 68.19
  3. शांतिपर्व महाभारत 148.7
  4. आश्वमेधिकपर्व महाभारत 90.52

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