कन्या (महाभारत संदर्भ)

  • अकर्तव्यं कन्याया गर्भधारणम्।[1]

कन्या को गर्भ धारण नहीं करना चाहिये।

  • न कन्योद्वहनं गच्छेद् यदि दण्डो न पालयेत्।[2]

यदि दण्ड का भय ना हो तो कन्या विवाह न करे।

  • न तिष्ठेत् युवती धर्मे यदि दण्डो न पालयेत्।[3]

यदि दण्ड का भय ना हो तो युवती धर्म का पालन न करे।

  • नानिष्टय प्रदातव्या कन्या।[4]

अयोग्य (या अप्रिय) को कन्या नहीं देनी चाहिये।

  • वयस्थां च महाप्राज्ञ: कन्यां वोढुमहर्ति।[5]

महाप्राग्य! युवती कन्या के साथ विवाह करना चाहिये। (बालिका से नहीं)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वनपर्व महाभारत 308.8
  2. शांतिपर्व महाभारत 15.37
  3. शांतिपर्व महाभारत 15.42
  4. अनुशासनपर्व महाभारत 44.36
  5. अनुशासनपर्व महाभारत 104.123

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