जीविका (महाभारत संदर्भ)

  • स्चवृत्तौ का परीक्षणा।[1]

अपनी वृत्ति के विषय में परीक्षा क्या करनी है?

  • सर्वे हि स्वं समुत्थानमुपजीवंति जंतव:।[2]

सभी प्राणी अपने उद्योग का आश्रय लकेर ही जीविका चलाते हैं।

  • अकर्मणा वै भूतानां वृत्ति: स्थान्न हि काचन।[3]

बिना कर्म के प्राणीयों की कोई जीविका नहीं चल सकती।

  • अंसक्लेशेन लोकस्य वृत्तिं लिप्सेत।[4]

लोगों को कष्ट दिये बिना जीवन निर्वाह हो सके, ऐसी कामना करें।

  • वृत्तिरन्या विगर्हिता।[5]

अन्य वृत्ति अपनाना निंदा की बात है।

  • महागुणो वधो राजन् न तु निंदा कुजीविका।[6]

राजन्! निंदा की घृणित जीविका से मर जाना अधिक गुणकारी है।

  • प्राणयात्रापि लोकस्य बिना ह्मर्थंं न सिध्यति।[7]

धन के बिना लोगों की जीविका भी नहीं हो सकती।

  • वृत्तिर्धर्माद् गरीयसी।[8]

जीविका का साधन धर्म से भी बड़ा है।

  • धर्म प्राप्य न्यायवृत्तिमबलीयान् न विन्दति।[9]

दुर्बल मनुष्य धर्म के आश्रम में समुचित वृत्ति नहीं पा सकता।

  • विज्ञानबलमास्थाय जीवितव्यम्।[10]

विज्ञान के बल का आश्रय लेकर जीविका चलानी चाहिये।

  • येषां बलकृता वृत्तिस्तेषामन्या न रोचते।[11]

जो बल से जीविका चलाते हैं उनको अन्य वृत्ति अच्छी नहीं लगती।

  • न शड़्खलिखतां वृत्तिं शक्यमास्थाय जीवितुम्।[12]

भाग्य में लिखी वृत्ति के आश्रय से जीवन निर्वाह नहीं हो सकता।

  • कुदेशे नास्ति जीविका।[13]

दुष्ट देश में जीविका नहीं मिलती।

  • ज्ञानादपेत्य या वृत्ति: सा विनाशयति प्रजा:।[14]

जो जीविका का साधन ज्ञान से रहित है वह प्रजा का नाश करता है।

  • आत्मन: परेषां च वृत्तिंं संरक्ष।[15]

अपनी और दूसरों की जीविका की रक्षा करो।

  • पूर्वं वृत्तिस्तत: प्रजा:।[16]

पहले आजीविका का साधन चुनें पश्चात् संतान उत्पन्न करें।

  • य इच्छेन्मोक्षमास्थातुमुत्तमां वृत्तिमाश्रयेत्।[17]

जो मोक्ष पाना चाहता हो उसे उत्तम वृत्ति का आश्रय लेना चाहिये।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व महाभारत 55.7
  2. वनपर्व महाभारत 32.7
  3. वनपर्व महाभारत 32.8
  4. वनपर्व महाभारत 209.44
  5. उद्योगपर्व महाभारत 72.46
  6. उद्योगपर्व महाभारत 73.24
  7. शांतिपर्व महाभारत 8.17
  8. शांतिपर्व महाभारत 130.14
  9. शांतिपर्व महाभारत 130.15
  10. शांतिपर्व महाभारत 132.3
  11. शांतिपर्व महाभारत 132.7
  12. शांतिपर्व महाभारत 130.29
  13. शांतिपर्व महाभारत 139.94
  14. शांतिपर्व महाभारत 269.50
  15. अनुशासनपर्व महाभारत 61.17
  16. अनुशासनपर्व महाभारत 77.14
  17. आश्वमेधिकपर्व महाभारत 46.17

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