ईश्वर (महाभारत संदर्भ)

  • नमस्यश्चैव मान्यश्च सर्वप्राणिभिरीश्वर:। [1]

सभी प्राणियों के लिये ईश्वर नमन और सम्मान के योग्य है।

  • सम: सर्वेषु भूतेषू ईश्वर:। [2]

ईश्वर सभी प्राणियों में समान है।

  • एकस्य विद्धि देवस्य सर्वं जगदिदं वशे। [3]

सारा संसार एक ही देवता के वश में है। (सबका मालिक एक)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. शांतिपर्व महाभारत283.58
  2. शांतिपर्व महाभारत345.28
  3. शांतिपर्व महाभारत280.28

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