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श्रीमद्भागवत प्रवचन -स्वामी तेजोमयानन्द
11.पूतना-मोक्ष
4.देखो, समस्त ब्रह्माण्ड और सारे जीव भगवान के देह के अन्दर ही हैं। सभी जीवों को डर लगा कि यह दूध पिलाने के बहाने जहर पिलाएगी। और यदि भगवान उसे पी लेंगे तो हम सब को बड़ी तकलीफ होगी, हम मर जाएँगे। भगवान आँखें बन्द करके उनसे कह रहे हैं कि तुम चिन्ता मत करो। मुझे सब का ध्यान रहता है, मैं ही सबका रक्षक हूँ। इस प्रकार वे अन्दर के प्राणियों को समझा रहे हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 10.6.10
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