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श्रीमद्भागवत प्रवचन -स्वामी तेजोमयानन्द
5.भागवत कथा श्रवण की महिमा
अब नारदजी सनत्कुमार से प्रश्न पूछते हैं कि भगवन्! इस भागवत कथा से कौन-कौन लोग पवित्र हो जाते हैं? प्रकाशितः कोऽपि नवीनमार्गः।।[1] आपने आज मुझे कोई नया ही मार्ग बताया है। इसके बारे में मुझे कछ पता ही नहीं था। तो सनत्कुमारों ने कहा- जितने बड़े-से-बड़े पापी की तुम कल्पना कर सकते हो, वह भी इस कथा को सुनकर मुक्त हो सकता है। उसका भी इस कथा में अधिकार है। देखो, पाप तो अनेक प्रकार के हैं। सब लोग सब पाप तो नहीं करते। लेकिन यदि ऐसा भी कोई व्यक्ति हो, जिसने सब पाप किये हों, पापियों का शिरोमणि हो, जिसने एक भी पाप छोड़ा नहीं हो, वह भी भागवत कथा सुनकर पवित्र हो जाता है। फिर उन्होंने इसका ऐ दृष्टांत भी बताया। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भा.मा 4.10
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