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श्रीमद्भागवत प्रवचन -स्वामी तेजोमयानन्द
5.परीक्षित के सृष्टि विषयक प्रश्न
जो अत्यंत दीन-हीन मलिन लोग हैं, जिनका और कोई आश्रय नहीं है, वे सब भी जिन भगवान का आश्रय लेकर पवित्र हो जाते हैं, उन भगवान को नमस्कार!
लक्ष्मी के पति, यज्ञपति, प्रजापति, सबके अन्तर्यामी, लोकों के पति, पृथ्वी के पति जिन्होंने यदुवंश में प्रकट होकर अन्धक, वृष्णि तथा यदुवंश के लोगों की रक्षा की, ऐसे भगवान श्री कृष्ण मेरे ऊपर प्रसन्न हों। ब्रह्माजी के हृदय में वेदों को प्रकट करने वाले, सारे ऋिषियों में श्रेष्ट जो नारायण ऋषि हैं, वे मुझ पर प्रसन्न हों। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 2.4.20
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