तेरी लाली का नित ब्रजधाम रहे, घट घट में नित घनश्याम रहे।। 6 ।। तेरी लाली के गोपीजन साथ रहे, गिरिधारी का कंधे पै हाथ रहे।। 7 ।। तेरी लाली का आधा ही नाम रटे, जाकै कौटी जनम का पाप कटे।। 8 ।। तेरी लाली से कोई पुकार करे, जसुदालाल वाकी संभार करे।। 9 ।। तेरी लाली का कोई गुणगान करे, वह प्रेम भक्ति का पान करे।। 10 ।।