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श्याम सुन्दर रसभरी मुरली बजाना छोड़ दे।
ऐ मेरे प्यारे कन्हैया, नाच गाना छोड़ दे।। टेर ।।
ग्वाल बालों का लिये वन वन वृथा मारा फिरे।
जमुना तट पै गाय अरु बछरा चराना छोड़ दे।। 1।।
ब्रज की सारी गोपिका देती उलाहना है मुझे।
आज से इन गोपियों के घर पै जाना छोड़ दे।। 2।।
तनक माखन के लिये तुमको नचानी है सखी।
चोरी चोरी आज से माखन चुराना छोड़ दे।। 3।।