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राग - गौरी साँझ
मैया मेरी कर दे री ब्याह हमारो, यामे कहा बिगरैगो तिहारो।।
दाऊ भैया हँसत सखा मोहि, कह कह कनुआ कारो।
होवे ना श्याम सगाई तेरी, रह गयो लाला कँवारो।। 1 ।।
तूँ मैया मेरी सुनत न कबहू, तेरौ ना पतियारो।
यह लेरी तेरी लकुट कमरिया, मैं नहिं पूत तिहारो।। 2 ।।
लौटि रहे अँगना बिच गिरधर, अँखिया अँसुवन ढ़ारौ।
रूठत श्याम मनाय यशोदा, ले गोदी पुचिकारौ।। 3 ।।
ऐसो ब्याह रचूँ तेरो लाला, चकित होय जग सारौ।
मैं तेरी मैया, सुन रे कन्हैया, तूँ मेरो सुत प्यारौ।। 4 ।।