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नन्द लालो बैठयो ऊबटनें, चम्पा चमेली रो तेल।। कानुड़ो।। टेर ।।
आवो नन्द बाबा नीरखल्यो, आवो माता जसोदा नीरखल्यो।
थाँ नीरख्याँ सुख होय।। 1 ।।
आवो वसुदेव जी नीरखल्यो। थां निरख्याँ सुख होय।। 2 ।।
भैया जी भावज नीरखल्यो, बहन सुभद्राजी नीरखल्या।
थाँ नीरख्याँ सुख होय।। 3 ।।
आवो ब्रज वासी, नीरखल्यो, आओ सब सन्ताँ नीरखल्यो।
थाँ नीरख्याँ सुख होय।। 4 ।।
आओ ब्रज गोपी नीरखल्यो, आवो सब सखियाँ नीरखल्यो।
थाँ नीरख्याँ सुख होय।। 5 ।।