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छुप छुप आये श्याम लेके ग्वाल बाल है।
ऐसो री यशोदा ढ़ीट तेरो नन्दलाल है।
ऐसो री हटीलो मैया तेरो नन्दलाल है।। टेर ।।
ग्वाल बाल संग लेके, घर मेरे आ गये।
माखन को खाय मरेी मटकी गिरा गये।
अँगूठा दिखावे चाले टेढ़ी टेढ़ी चाल है।। 1 ।।
देख री यशोदा श्याम तेरो बड़ो रारी है।
डगर चलत मेरी गागर फोर डारी है।
फिर भी दिखावे मोहे आँखें लाल लाल है।। 2 ।।
तोसे कछु कहें तो तूं कान से निकार दे।
बार बार श्याम की बलैयाँ लेके टार दे।
द्वार पै पुकारे खड़े सभी गोप ग्वाल है।। 3 ।।
बोली यूं यशोदा मोते कीमत धरायले।
एक एक गागर की सौ सौ तूँ भराय ले।
गारी मत दीजे मो गरीबनी को लाल है।। 4।।।