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मथुरा सौं चल कर आई री, मैं डाढ़िन की जाई
नन्दलाल जायो नन्द रानी, आज भई मेरे मनमानी।
अब मन भर लेऊँ बधाई री।। 1 ।।
मोती महल मेरे बनवावो, उनके पीछे बाग लगावो।
तेरी बढ़ैगी बेल सवाई री।। 2 ।।
गैया लूंगी धूमर धौरी, दूध पिवें मेरे छोरा छोरी।
खावेंगे रबड़ि मलाई री।। 3 ।।
अन्न धन के भंडार भराओ, नख शिख तक गहनां बनवावो।
नन्दलाल नाम खुदवाई री।। 4 ।।