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जय जय श्री कृष्ण चंद्र नंद के दुलारे।। टेर ।।
व्यास रिषिन्ह कपिल देव, मच्छ कच्छे हंस सेव,
नर हरि वामन सुभेव, परसु धरन हारे।। 1 ।।
कलकि बोध पृथु सुधीर, ध्रुव हरि रघुवंश वीर,
धनवंतरि हरन पीर, हयग्रीव पियारे।। 2 ।।
बद्री पति दत्तात्रय, मनवंतर टारन भय,
यग्येश्वर वपु बराह, सनकादिक वारे।। 3 ।।
रूपकुँअरि चतुरवींस, नाम लेत ननमत सीस,
वंश बढ़त भगति पाइ, अधमन को तारे।। 4 ।।