(28)
आठयूँ तिथि भादवो महिनू, रात अँधेरी में आयो रे कनवो छोटो सो।
भगताँ रे कारण आयो रे कनवो छोटो सो।। टेर ।।
वारी जाऊँ म्हारो कनवो छोटो सो।। 1 ।।
मामा कंस की जेल में प्रगटयो, च्यार भुजा दरशायो रे।। क. 2 ।।
करि विनती बसुदेव देवकी, बालक रूप बणायो रे।। क. 3 ।।
पहरादार नीन्द में पड़ग्या, माया रो जाल बिछायो रे।। क. 4 ।।
कटगई बेड़ी खुल गया ताला, ले वसुदेव सिधायो रे।। क. 5 ।।
जब बसुदेव चल्या गोकुल को, जमुना रो जल चढ़ि आयो रे।। क. 6 ।।