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मम जीवन के आधार, मनमोह नन्द कुमार।। टेर ।।
मैं मोहन मोहन गाऊँ, मोहन बिनु चैन न पाऊँ।
मोहन से मेरा प्यार।। 1 ।।
मैं मोहन मोहन बोलूँ, वृज-गलिन गलिन में डोलूं
तुम सुन लो मेरी पुकार।। 2 ।।
मैं मोहन मोहन जपती, नित श्याम विरह में तपती
सब छूटा घर संसार।। 3 ।।
मैं मोहन मोहन हेरूँ, ऊँची चढ़ चढ़कर टेरूँ।
कब लेऊँ तुम्हें निहार।। 4 ।।