(34)
नन्दजी को छैया माता यशोदा को लाल,
गोविन्द गोपाल प्यारो गोविन्द गोपाल।। टेर ।।
नन्दजी को छैया बलदाऊजी को भैया।
बाँसुरी बजावे बैठो कदम्ब की डाल।। 1 ।।
बाँसुरी बजैया ओ तो माखन खावैया।
धेनु चरावे वालो लिये संग ग्वाल।। 2 ।।
धेनु चरैया गिरिवर को उठैया।
भगतांरो भीड़ी मामा कंसको है काल।। 3 ।।
गिरि को उठैया सबजग को रखैया।
छबि निरखत याकी करदे निहाल।। 4 ।।