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होरी खेलन आयो श्याम आज याहि रंग में बौरौ री।। टेर ।।
कोरे कोरे कलश मँगाओ केशर घोरो री।
याके मुख पर केशर मलो करो करो ते गोरो री।। 1 ।।
लोक लाज मरजाद सभी, मोहन सँग तोरो री।
जब हात जोड़ कर करे वीनती, तब याहि छोड़ो री।। 2 ।।
हरे बाँस की बाँसुरियाँ याकी, तोर मरौरो री।
चन्द्रसखी यों कहे आज बन बैठ्यो भोरो री।। 3 ।।