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जन्मे श्री कृष्ण मुरार भगत हित कारणे।
मथुरा में लियो अवतार गोकुल झूले पालणे।।
तिथि अष्टमी बुधवार भावच बदी की करी।
रोहिणी नखत आधी रात जनम लीयो शुभ की घड़ी।।
धन्य देवकी वसुदेव जहँ हरि अवतार धरे।
धन्य यशोदा बाबा नन्द महर घर पगल्या करे।।
धन्य धन्य सुर नर मुनि सब जय जयकार करे।
दुन्दुभि बजत आकाश सुमन सुर बरषा करे।।
बृजवासी गौरस भर भरकर ल्यावही।
दधिकादो बाबा नँद के सुकीच मचावही।।