शारंग धनुष पुराणों के अनुसार कण्व ऋषि के चरम तप में दीर्घ समय तक लीन रहने से उनके मूर्धा से बाँस निकल आया जिससे विश्वकर्मा ने तीन धनुष बनाये- पिनाक, शारंग[1] और गांडीव।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ शार्ङ्ग
- ↑ पिनाक, शारंग(शार्ङ्ग) और गांडीव (हिंदी) shabdcharcha। अभिगमन तिथि: मार्च-9, 2016।
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