यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में देखें अस्वीकरण
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वज्र एक विशेष प्रकार का अस्त्र था, जिसका पुराण आदि में उल्लेख मिलता है। देवराज इंद्र के मुख्य अस्त्र में यह गिना जाता है।
- यह अस्त्र दो प्रकार का होता है-
- कुलिश वज्र
- अशानि वज्र
- वज्र के ऊपर के तीन भाग तिरछे-टेढ़े बने होते हैं। बीच का हिस्सा पतला होता है। इसका हत्था बड़ा वज़नदार होता है।
- इस अस्त्र का प्रयोग महाभारतकाल में भी किया गया।
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