अस्त्र उसे कहते हैं, जिसे मन्त्रों के द्वारा दूरी से फेंकते हैं। ये अग्नि, गैस और विद्युत तथा यान्त्रिक उपायों से चलते हैं।
- वे आयुध जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं, अस्त्र कहलाते हैं। ये दैवीय हथियार होते हैं।
- प्रत्येक अस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं।
- इन्हें भी देखें: आग्नेय अस्त्र, पर्जन्य अस्त्र, पन्नग अस्त्र, गरुड़ अस्त्र एवं खड्ग शस्त्र
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