वारुण पाश

वारूण पाश नामक अस्त्र का विवरण हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह वरुण देव का पाश नामक एक प्रकार का अस्त्र था।[1]

  • महाभारत उद्योग पर्व के उल्लेखानुसार देवता, असुर, मनुष्य, गंधर्व, नाग तथा राक्षस- ये युद्ध में अत्यंत कुपित होकर एक दूसरे का वध करेंगे। यह भावी परिणाम जानकार परमेष्ठि प्रजापति ब्रह्मा ने धर्मराज से यह बात कही – ‘तुम इन दैत्यों और दानवों को बाँधकर वरुण देव को सौंप दो। उनके ऐसा कहने पर धर्म ने ब्रह्माजी की आज्ञा के अनुसार सम्पूर्ण दैत्यों और दानवों को बाँधकर वरुण देव को सौंप दिया। तब से जल के स्वामी वरुण उन्हें धर्मपाश एवं वारुण पाश में बाँधकर प्रतिदिन सावधान रहकर उन दानवों को समुद्र की सीमा में ही रखते हैं।[2]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 132 |
  2. महाभारत उद्योग पर्व अध्याय 128 श्लोक 37-50

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