प्राजापत्य अस्त्र का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह प्रजापति को प्राप्त एक प्रकार का दिव्य अस्त्र था।[1]
- महाभारत युद्ध का वर्णन करते हुए संजय राजा धृतराष्ट्र से कहते हैं- "भारत! द्रोणाचार्य ने अपनी प्रतिज्ञा को सच्ची करने की इच्छा से आपके पुत्र के हित में तत्पर हो धर्मपुत्र युधिष्ठिर को मार डालने की अभिलाषा लेकर उनके ऊपर ऐन्द्र और प्राजापत्य नामक अस्त्रों का प्रयोग किया।"[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 131 |
- ↑ महाभारत द्रोणपर्व अध्याय 157 श्लोक 21-42
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज