श्येन व्यूह का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महकाव्य महाभारत में हुआ है। यह महाभारतकालीन एक प्रकार का व्यूह है। इस व्यूह की रचना युधिष्ठिर ने धौम्य मुनि की आज्ञा से श्येन व्यूह की रचना करके शत्रुओं के हृदय में कँपकँपी पैदा कर दी थी। अग्नि चयनसम्बन्धी कर्मों में रहते हुए युधिष्ठिर को श्येन व्यूह का विशेष परिचय प्राप्त था।
- चक्रव्यूह
- वज्र व्यूह
- क्रौंच व्यूह
- अर्धचन्द्र व्यूह
- मंडल व्यूह
- चक्रशकट व्यूह
- औरमी व्यूह
- गरुड़ व्यूह
- श्रीन्गातका व्यूह
- सर्वतोभद्र व्यूह
- सुपर्णव्यूह
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 129 |
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