मोर भगवान कृष्ण के मुकुट में लगा मोर का पंख इस पक्षी के महत्त्व को दर्शाता है।
- महाकवि कालिदास ने महाकाव्य 'मेघदूत' में मोर को राष्ट्रीय पक्षी से भी अधिक ऊँचा स्थान दिया है।
- राजा-महाराजाओं को भी मोर बहुत पसंद रहा है।
- यह प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राज्य में जो सिक्के चलते थे, उनमें एक तरफ मोर बना होता था।
- मुग़ल बादशाह शाहजहाँ जिस तख्त पर बैठता था, उसकी शक्ल मोर की थी। दो मोरों के मध्य बादशाह की गद्दी थी तथा पीछे पंख फैलाए मोर।
- हीरों-पन्नों से जड़े इस तख्त का नाम 'तख्त-ए-ताऊस' रखा गया। जनमानस में अनेक कहावतें और लोकोक्तियाँ मोर को लेकर प्रचलित हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज