श्रीकृष्णकर्णामृतम् -श्रीमद् अनन्तदास बाबाजी महाराज
गोपियों के श्रीकृष्ण विषयक प्रेम का नाम ही ‘काम’ है। प्रश्न हो सकता है : ‘काम’ शब्द कर्णकटु है, गोपीप्रेम सर्वोत्कृष्ट है- इस सर्वोत्तम प्रेम को ‘काम’ शब्द से अभिहित करने का कारण क्या है? श्रीमद् रूपगोस्वामिपाद ने ऐसे संदेह का निरसन किया है-
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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