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- नृत्य गति पदताल, वेणु-ध्वनि मृदुतान
- वलय किंकिणी नाद-संगे।
- प्रतिनाद पूर जबे, श्रवणे शुनिये तबे
- प्रतीत जन्मे तबे रंगे।।
- वंशीगानामृत ताल, राखिबार लागि भाल
- चरणाग्र-दर्शन हइते।
- आलोल लोचनद्वय, केलिधारा बिलोकय
- चरणाग्र निर्मञ्छये ताते।।
- अन्य ताहा नाहि जाने, जाने व्रजनारीगणे
- अद्भुत विलास मनोरम।
- आमि कि देखिबो ताहा शुनिबो कि कहो हाहा
- बोलो सखि! करिया नियम।।
- एतो कहि उठे राइ, मनेर सोयास्थ नाइ
- चतुर्दिके कर निरीक्षण।
- काँहा नूपुरेर ध्वनि, सबे मात्र काने शुनि
- हेथा ना आइसे कि कारण।।
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