|
|
- तबे जदि बोलो थाकि, देखिओ ताहारे सखि,
- एबे तार देखा पाबे कोथा।
- तबे शुनो पक्षीगण, मौन देखो अनुक्षण,
- दूर परामृशि कहे जथा।।
- अनुमान करि एइ, एथाइ आछये सेइ,
- पाथे पाथे तारा युक्ति करे।
- ताहार दर्शन पाइया, स्तम्भ मोह उपजिया,
- ताते तारा सबे मौन धरे।।
- कहितेइ पूर्वे जेनो, अन्ये अन्ये दरशन,
- से समये स्मृति हैया गेलो।
- तार दरशन लागि, चित्त हैलो अनुरागी,
- उत्कण्ठाते पुछिते लागिलो।।48।।
|
|