षष्ठ अध्याय
प्रश्न- ‘आत्मनः’ का क्या अभिप्राय है?
उत्तर- उपर्युक्त आसन अपना ही होना चाहिये। ध्यानयोग का साधन करने के लिये किसी दूसरे के आसन पर नहीं बैठना चाहिये।
प्रश्न- ‘स्थिरं प्रतिष्ठाप्य’ का क्या अभिप्राय है?
उत्तर- काठ या पत्थर के बने हुए उपर्युक्त आसन को पृथ्वी पर भलीभाँति जमाकर टिका देना चाहिये, जिससे वह हिलने-डुलने न पावे; क्योंकि आसन के हिलने-डुलने से या खिसक जाने से साधन में विघ्न उपस्थित होने की सम्भावना है।
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