क्रम. संख्या
|
श्लोकांश
|
अध्याय
|
श्लोक
|
विवरण
|
1
|
न काङ्क्षे विजयं कृष्ण
|
1
|
32
|
परस्मैपद के स्थान में आत्मनेपद का प्रयोग आर्ष है।
|
2
|
व्रजेत
|
2
|
54
|
परस्मैपद के स्थान में आत्मनेपद का प्रयोग आर्ष है।
|
3
|
नमेरन् महात्मन्
|
11
|
37
|
परस्मैपद के स्थान में आत्मनेपद का प्रयोग आर्ष है।
|
4
|
विशते तदनन्तरम्
|
18
|
55
|
परस्मैपद के स्थान में आत्मनेपद का प्रयोग आर्ष है।
|
5
|
न तु मां शक्य से द्रष्टुम्
|
11
|
8
|
परस्मैपद के स्थान में आत्मनेपद तथा विकरण-व्यत्यय आर्ष है।
|
6
|
इषुभिः प्रति योत्स्यामि
|
2
|
4
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है।
|
7
|
यततो[1] ह्यपि
|
2
|
60
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है।
|
8
|
यदि ह्रायं न वर्तेयम्
|
3
|
23
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है।
|
9
|
नोद्विजेत्
|
5
|
20
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है।
|
10
|
वश्यात्मना तु यतता
|
6
|
36
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है।
|
11
|
कश्चिद्यतति
|
7
|
3
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है।
|
12
|
यततमापि सिद्धानाम्
|
7
|
3
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है।
|
13
|
मामाश्रित्य यतन्ति ये
|
7
|
29
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है।
|
14
|
युध्य च
|
8
|
7
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है।
|
15
|
यतन्तश्च दृढ़व्रताः
|
9
|
14
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है।
|
16
|
प्रतिजानीहि
|
10
|
9
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है
|
17
|
रमन्ति च
|
14
|
2
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है
|
18
|
प्रलये न व्यथन्ति च
|
14
|
2
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है
|
19
|
अवतिष्ठति
|
14
|
23
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है
|
20
|
निवर्तन्ति भूयः
|
15
|
4
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है
|
21
|
यतन्तः; यतन्तः
|
15
|
11
|
आत्मनेपद के स्थान में परस्मैपद का प्रयोग आर्ष है
|
22
|
नैव त्यागफलं लभेत्
|
18
|
18
|
लुङ के स्थान में लङ् का प्रयोग आर्ष है।
|
23
|
अशोच्यानन्वशोचः
|
2
|
11
|
लोट् के स्थान में यह प्रयोग आर्ष है।
|
24
|
प्रसविष्यध्वम्
|
3
|
10
|
शास्त्रापेक्षित निमित्त के अभाव में
|
25
|
अल्पमेधसाम्
|
7
|
23
|
असिच्- का प्रयोग आर्ष है।
|
26
|
हे सखेति
|
11
|
41
|
यहाँ सन्धि का प्रयोग आर्ष है।
|
27
|
प्रियायार्हसि
|
11
|
44
|
यहाँ सन्धि का प्रयोग आर्ष है।
|
28
|
तस्याराधनम्
|
7
|
22
|
यहाँ सन्धि का प्रयोग आर्ष है।
|
29
|
शक्य अहं नृलोके भक्त्या त्वनन्यया शक्य
|
11
|
48
|
यहाँ सन्धि का अभाव आर्ष है।
|
30
|
अहमेवंविधोर्जुन
|
11
|
54
|
यहाँ सन्धि का अभाव आर्ष है।
|
31
|
निवसिष्यसि
|
12
|
8
|
‘इट्’ का आगम आर्ष है।
|
32
|
एतन्मे संशयम्
|
6
|
39
|
यहाँ नपुंसकलिंग आर्ष है।
|
33
|
संप्रवृत्तानिः निवृत्तानि
|
14
|
22
|
यहाँ नपुंसकलिंग आर्ष है।
|
34
|
सेनानीनाम्
|
10
|
24
|
यणु’ के स्थान में ‘नुट्’ आर्ष है।
|
35
|
शाश्वते
|
8
|
26
|
‘डीप्’ के स्थान में ‘टाप्’ का प्रयोग आर्ष है।
|