विषय सूची
भारत सावित्री -वासुदेवशरण अग्रवाल
1. आदि पर्व
अध्याय : 2
2. कथा-सार तथा पर्व-सूची
वाल्मीकि रामायण में जो स्थान मूल रामायण नामक पहले सर्ग का है, जिसमें बीज-रूप से रामायण की कथा विद्यमान है वही स्थान महाभारत में इस संक्षिप्त प्रकरण का है। स्वयं इस प्रकरण के आदि में लिखा हैः
अर्थात-व्यासजी ने स्वयं ही 150 श्लोकों में सब पर्वों के वृतान्तों की अनुक्रमणी का अध्याय रचा था। इस अनुक्रमणी में वस्तुतः इतने ही श्लोक हैं, जो इन दो श्लोकों से आरम्भ होते हैं:
अर्थात-औद्भिज्ज या शुंगवंश में काश्यप गोत्रीय ब्राह्मण सेनानी उत्पन्न होगा, जो कलियुग में पुनः अश्वमेध यज्ञ करेगा। सौ पर्वों की पूरी सूची के बाद लगभग 160 श्लोकों में 18 पर्वों वाले महाभारत की विस्तृत विषय-सूची भी पाई जाती है, जो सौ पर्वों वाली विषय-सूची बन जाने के बाद जब महाभारत का बृहत्-रूप स्थिर होने लगा, तब गुप्तकाल में बनाई गई होगी। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्र.स. | विषय | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज