विषय सूची
भारत सावित्री -वासुदेवशरण अग्रवाल
3. आरण्यक पर्व
अध्याय : 295-299
40. यक्ष-युधिष्ठिर-प्रश्नोत्तरी
यक्ष-युधिष्ठिर-संवाद के 18 श्लोकों में प्रश्न और 18 में ही उनके उत्तर हैं। महाभारतकार ने इस अंश को ‘प्रश्नव्याकरण’[1] कहा है। प्रश्नों की बुझौवल का यक्ष-पूजा से घनिष्ठ सम्बन्ध था। आज भी लोक में यक्ष या देवता किसी के सिर आता है तो टपाटप प्रश्न पूछने की प्रथा है। यहाँ यह भी उल्लेख-योग्य है कि कुरु जनपद के लोक-साहित्य की छानबीन करते हुए इसी शैली के कुछ लोकगीत मिले हैं, जिन्हें मल्होर या गाहा कहते हैं, जैसे- प्रश्न- ऐ जी कौन जगत मे एक है? उत्तर- ऐ जी राम जगत में एक है, |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ प्रश्नान पृच्छतो व्याकरोषि, 297।11
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