सर्वपापमोचन कूप का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत वन पर्व के अनुसार यह समस्त पापों को दूर करने वाला एक कूप जो नारायण-स्थान में था। इसमें सदा चारों समुद्र रहते है।
- सर्वपापमोचन कूप में स्नान करने से मनुष्य की कभी दुर्गति नहीं होती है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 514 |
- ↑ महाभारत वन पर्व 84.126