महाहद का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है, जिसके अनुसार यह एक तीर्थ का नाम था।[1]
- महाभारत अनुशासन पर्व के अनुसार महाहद में स्नान करके यदि मनुष्य शुद्ध चित से वहाँ एक मास तक निराहार रहे तो उसे जमदग्नि के समान सदगति प्राप्त होती है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 85 |
- ↑ महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 25 श्लोक 25-49