रमणक नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है-
'दक्षिणेन तु श्वेतस्य निषधस्योत्तरेण तु वर्षं रमणकं नाम जायन्ते तत्र मानवाः।'[1]
- यह स्थान श्वेत के दक्षिण तथा निषध के उत्तर में स्थित एक वर्ष या महाद्वीप था।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत, सभापर्व 8, 2
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 777 |