उष्ट्रकर्णिक प्राचीन समय का एक देश था। इस देश का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत के सभापर्व में हुआ है-
'पांड्यांश्च द्रविडांश्चैव सहितांश्चोण्ड्रकेरलै:,
आंध्रा स्तालव नांश्चैव कलिंगानुष्ट्रकर्णिकान्।'[1]
- अपनी दिग्विजययात्रा के प्रसंग में पांडव सहदेव ने इस देश को विजित किया था। संदर्भ से जान पड़ता है कि यह स्थान कलिंग या दक्षिण उड़ीसा अथवा आंध्र के निकट स्थित रहा होगा।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सभा पर्व महाभारत 31, 71