पंचकष्ट हिन्दू मान्यताओं तथा धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भूमि के नीचे जो पाँच भयानक नरक हैं, उनमें से पाँचवाँ है।[1] यहाँ जो महाघोर दुःख प्राप्त होता है, उसका यथावत् वर्णन नहीं किया जा सकता। पाँचों इन्द्रियों से असहनीय होने के कारण ही इस नरक का नाम ‘पंचकष्ट’ है।
- पापी पुरुष इस नरक में महान दुःख भोगते हैं। यहाँ बड़े-बड़े जीव चिरकाल तक अत्यन्त घोर अमानुषिक दुःख भोगते हैं और महान भूतों के समुदाय उस पापी पुरुष का अनुसरण करते हैं।
- पंचकष्ट के समान या उससे बढ़कर दुःख काई नहीं है। पंचकष्ट को समस्त दुःखों का निवासस्थान बताया गया है।
- पृथ्वी के नीचे जो पाँच भयानक नरक माने जाते हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं-
- रौरव
- महारौरव
- कण्टकावन
- अग्निकुण्ड
- पंचकष्ट