नारीतीर्थ का वर्णन महाभारत में हुआ था, जो कि इस तीर्थ में ब्रह्मा के शाप से पाँच अप्सराएँ जलजंतु हो गयी थी और अर्जुन ने इन्हें शाप मुक्त किया था।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 272 |