सप्तर्षिकुण्ड का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत वन पर्व के अनुसार यह कुरुक्षेत्र की सीमा के अन्तर्गत ब्रह्मोदुम्बर तीर्थ में स्थित एक कुण्ड का नाम था, जिसमें स्नान करने का महान माहात्म्य कहा गया है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 511 |
- ↑ महाभारत वन पर्व 83.72