तुंगकारण्य हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत के अनुसार एक तपोवन था, जहाँ सारस्वत मुनि ने वहाँ के ऋषियों को वेदाध्ययन कराया था
- यह टीकमगढ़ रियासत में ओड़छा के पास एक जंगल है, जो बेतवा के किनारे स्थित है।
- महाभारत वन पर्व के अनुसार 'तुंगकारण्य' में प्रवेश करते ही स्त्री या पुरुष सबके पाप नष्ट हो जाते हैं।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 52 |
संबंधित लेख
|