कोकामुखतीर्थ का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ हरिवंश पुराण में हुआ है। हरिवंश पुराण विष्णु पर्व के उल्लेखानुसार यह एक तीर्थ स्थल था। [1]
- महाभारत वन पर्व के उल्लेखानुसार इस तीर्थ में स्नान करके ब्रह्मचर्य एवं संयम-नियम का पालन करने वाला पुरुष पूर्वजन्म की बातों को स्मरण करने की शक्ति प्राप्त कर लेता है।[2]
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