मधुवटी महाभारत वनपर्व के उल्लेखानुसार कुरुक्षेत्र की सीमा में स्थित एक प्राचीन तीर्थ का नाम है।[1]
- यहाँ के देवतीर्थ में स्नान, संध्या, तर्पण और श्राद्ध करने से मनुष्य को एक हज़ार गोदान का फल प्राप्त होता है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत वनपर्व 83.94
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 396 |