प्रतप्तोदककुण्ड हिन्दू धार्मिक ग्रन्थों तथा मान्यताओं के अनुसार एक नरक कुण्ड है।
- नरकों के नाना प्रकार के कुण्ड हैं। पापियों को दु:ख का भोग कराना ही इन कुण्डों का प्रयोजन है।
- 'ब्रह्मवैवर्तपुराण' में नरक कुण्डों और उनमें जाने वाले पापियों तथा पापों का वर्णन किया गया है।
- जो हिंसक जन्तुओं से भरा-पूरा अत्यन्त घोर अन्धकार से पूर्ण तथा आधे कोस तक विस्तृत है और जिसमें बहुत गरम जल भरा रहता है उसे ‘प्रतप्तोदककुण्ड’ कहते हैं।[1]