सलिलह्रद

सलिलह्रद का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत के अनुशासन पर्व[1] में हुआ है। यह एक तीर्थ का नाम था, जिसमें नियमपूर्वक गोता लगाने से अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 515 |

  1. अनुशासन पर्व महाभारत 25.14

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः