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ब्रह्म वैवर्त पुराण
श्रीकृष्ण जन्म खण्ड (उत्तरार्द्ध): अध्याय 77
सपने में कमल के पत्ते पर खीर, दही, दूध, घी, मधु और स्वस्तिक नामक मिष्ठान्न खाने वाला मनुष्य भविष्य में अवश्य ही राजा होता है। छत्र, पादुका और निर्मल एवं तीखे खड्ग की प्राप्ति धान्य-लाभ की सूचना देती है। खेल-खेल में ही पानी के ऊपर तैरने वाला मनुष्य प्रधान होता है। फलवान वृक्ष का दर्शन और सर्प का दनंश धन प्राप्ति का सूचक है। स्वप्न में सूर्य और चंद्रमा के दर्शन से रोग दूर होता है। घोड़ी, मुर्गी और क्रौञ्ची को देखने से भार्या का लाभ होता है। स्वप्न में जिसके पैरों में बेड़ी पड़ गयी, उसे प्रतिष्ठा और पुत्र की प्राप्ति होती है। जो सपने में नदी के किनारे नये अथवा फटे-पुराने कमल के पत्ते पर दही मिला हुआ अन्न और खीर खाता है; वह भविष्य में राजा होता है। जलौ का (जोंक), बिच्छू और साँप यदि स्वप्न में दिखायी दें तो धन, पुत्र, विजय एवं प्रतिष्ठा की प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। सींग और बड़ी-बड़ी दाढ़वाले पशुओं, सूअरों और वानरों से यदि स्वप्न में पीड़ा प्राप्त हो तो मनुष्य निश्चय ही राजा होता और प्रचुर धन राशि प्राप्त कर लेता है। जो स्वप्न में मत्स्य, मांस, मोती, शंख, चंदन, हीरा, शराब, खून, सुवर्ण, विष्ठा तथा फले-फूले बेल और आम को देखता है; उसे धन मिलता है। प्रतिमा और शिवलिंग के दर्शन से विजय और धन की प्राप्ति होती है। प्रज्वलित अग्नि को देखकर मनुष्य धन, बुद्धि और लक्ष्मी पाता है। आँवला और कमल धन प्राप्ति का सूचक है। देवता, द्विज, गौ, पितर और साम्प्रदायिक चिह्नधारी पुरुष स्वप्न में परस्पर जिस वस्तु को देते हैं; उसका फल भी वैसा ही होता है। श्वेत वस्त्र धारण करके श्वेत पुष्पों की माला और श्वेत अनुलेपन से सुसञ्जित सुंदरियाँ स्वप्न में जिस पुरुष का आलिंगन करती हैं, उसे सुख और संपत्ति की प्राप्ति होती है। जो पुरुष स्वप्न में पीत वस्त्र, पीले पुष्पों की माला और पीले रंग का अनुलेपन धारण करने वाली स्त्री का आलिंगन करता है; उसे कल्याण की प्राप्ति होती है। स्वप्न में भस्म, रूई और हड्डी को छोड़कर शेष सभी श्वेत वस्तुएँ प्रशंसित हैं और कृष्णा गौ, हाथी घोड़े, ब्राह्मण तथा देवता को छोड़कर शेष सभी काली वस्तुएँ अत्यंत निन्दित हैं। रत्नमय आभूषणों से विभूषित दिव्य ब्राह्मणजातीय स्त्री मुस्कराती हुई जिसके घर में आती है; उसे निश्चय ही प्रिय पदार्थ की प्राप्ति होती है। स्वप्न में ब्राह्मण देवता का स्वरूप है और ब्राह्मणी देवकन्या का। ब्राह्मण और ब्राह्मणी संतुष्ट हो मुस्कराते हुए स्वप्न में जिसको कोई फल दे, उसे पुत्र होता है। पिता जी! ब्राह्मण स्वप्न में जिसे शुभाशीर्वाद देते हैं, उसे अवश्य ऐश्वर्य प्राप्त होता है। सपने में संतुष्ट ब्राह्मण जिसके घर आ जाय; उसके यहाँ नारायण, शिव और ब्रह्मा का प्रवेश होता है; उसे संपत्ति, महान सुयश, पग-पग पर सुख, सम्मान और गौरव की प्राप्ति होती है। यदि स्वप्न में अकस्मात गौ मिल जाय तो भूमि और पतिव्रता स्त्री प्राप्त होती है। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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