प्लक्ष द्वीप की गणना पौराणिक भूगोल की कल्पना के अनुसार पृथ्वी के सप्तद्वीपों में की गयी है।
'जंबू प्लक्षाह्वयौ द्वीपौ शाल्मलश्चापरो द्विज,
कुश: क्रौंच्स्तथा शाक: पुष्करश्चैव सप्तम:।'[1]
- विष्णु पुराण[2] में प्लक्षद्वीप का सविस्तार वर्णन है, जिससे सूचित होता है कि विशाल प्लक्ष या पाकड़ के वृक्ष की यहाँ स्थिति होने से यह द्वीप 'प्लक्ष' कहलाता था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विष्णु पुराण 2,2,5 ।
- ↑ विष्णु पुराण 2,4
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