षष्टिह्रद का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत अनुशासन पर्व के अनुसार यह एक तीर्थ का नाम है, जहाँ स्नान करने पर, अन्नदान करने से जो फल प्राप्त होता है उससे अधिक फल मिलता था।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 505 |
- ↑ महाभारत अनुशासन पर्व 25.36