श्रीकृष्णकर्णामृतम् -श्रीमद् अनन्तदास बाबाजी महाराज श्रीकृष्णकर्णामृतम -अनन्तदास क्रमांक श्लोक संख्या श्लोक पृष्ठ संख्या (अकारादिक्रम से) 1. 99. अखण्डनिर्वाणरस 947 2. 90. अखिलभुवनैक 889 3. 60. अग्रे समयग्रयति 689 4. 36. अधीरबिम्बाधर 440 5. 27. अधीरमालोकित 333 6. 112. अनुग्रह-द्विगुण 1031 7. 10. अपांगरेखाभि 147 8. 15. अव्याजमञ्जुल 199 9. 41. अमून्यधन्यानि 494 10. 44. अश्रान्तस्मितमरुणा 528 11. 2. अस्ति स्वस्तरुणी 41 12. 28. अस्तोकस्मितभर 353 13. 51. अहिमकरकरनिकर 600 14. 87. आचिन्वानमहन्य 865 15. 67. आद्रवलोकित 736 16. 54. आनम्रासितभ्रवो 627 17. 70. आन्दोलिताग्रभुज 756 18. 43. आम्यां विलोचनाभ्याम 519 19. 19. आमुग्धमर्ध 136 20. 39. आलोललोचन 466 21. 110. ईशानदेवचरणा 1019 22. 59. एतान्नामविभूषणं 681 23. 63. कदानु कस्यां 705 24. 26. कदा वा कालिन्दी 322 25. 7. कमनीयकिशोर 124 26. 52. करमलदल 610 27. 86. करौ शरदिजाम्बुज 859 28. 20. कलक्वणितकंकणं 244 29. 91. कान्ताकुचग्रहण 896 30. 100. कामं सन्तु सहस्रश: 952 31. 25. कारुण्यकर्बुकटाक्ष 313 32. 72. किमिदमधरवीथी 771 33. 42. किमिह कृणुम: 505 34. 53. कुमुमशर-शरसमर 619 35. 95. केयं कान्ति: 960 36. 101. गलद् व्रीडालोंला 960 37. 3. चातुर्यैकनिदानसीम 74 38. 74. चापल्यसीम 784 39. 61. चिकुरं वहलं 694 40. 89. चित्रंतदेतच्चरणारविंद 882 41. 1. चिन्तामणिजयति 11 42. 108. जय जय जय 1007 43. 55. तत् कैशोरं तच्च 638 44. 97. तत्त्वन्मुखं 935 45. 73. तदिदमुपनतं 777 46. 88. तदुच्छवसितयौवनं 876 47. 85. तदेददाताम्र 854 48. 18. तरुणारुण 221 49. 32. त्वच्छैशवं त्रिभुवना 393 50. 81. त्रिभुवनसरसाभ्यां 833 51. 109. तुभ्यं निर्भरहर्ष 1013 52. 76. तेजसेऽस्तु नमो 804 53. 80. दूराद्विलोकयति 829 54. 109. तुभ्यं निर्भरहर्ष 1013 55. 111. धन्यानां सरसानुलाप 1024 56. 77. धेनुपालदयिकता 809 55. 94. नाद्यापि पश्यति 913 56. 12. निखिल- भुवन 171 57. 30. निबद्धमुर्धाञ्जलि 374 58. 33. पर्याचितामृतरसानि 408 59. 48. परादृश्यं दूरे पथि 567 60. 62. परिपालय न: 700 61. 9. पल्लवारुणपाणि 138 62. 71. पशुपाल- बाल 762 63. 58. पादौ वादविनिर्जिता 674 64. 31. पिच्छावतंस 383 65. 34. पुन: प्रसन्नेन्दु 422 66. 84. पुष्पानमेतत् 849 67. 13. प्रणयपरिणताभ्यां 183 68. 104. प्रेमदण्च मे 983 69. 46. बहलचिकुरमारं 544 70. 47. बहलजलदच्छाया 554 71. 4. बर्होत्तंसविलास 95 72. 35. बालेन मुग्धचपलेन 430 73. 69. बालोऽयमालोल 750 74. 107. भक्तिस्त्वयि स्थिरतरा 999 75. 102. भवनं भुवनं 968 76. 8. मदशिखण्डिशिखण्ड 130 77. 64. मधुरमधरबिम्बे 710 78. 5. मधुरतरस्मितामृत 110 79. 92. मधुरं मधुरं 901 80. 16. मणिनूपुरवाचालं 208 81. 17. मम चेतसि 214 82. 29. मयि प्रसादं मधुरै: 364 83. 14. माधुर्यवारिधि 192 84. 65. माधुर्यादपि मधुरं 720 85. 105. माधुर्येण विवर्धन्तां 989 86. 75. माधुर्येण द्विगुणशिशिरं 797 87. 68. मार: स्वयं नु 743 88. 6. मुकुलायमान 117 89. 78. मृदुक्वणन्नूपुर 817 90. 106. यानि त्वच्चरितामृतानि 662 91. 38. यावन्न मे नवदशा 455 92. 37. यावन्न में निखिल 448 93. 50. लग्नं मुहुर्मनसि 587 95. 49. लीलाननाम्बुजमधीर 578 94. 45. लीलायिताभ्यां 537 95. 66. वक्ष:स्थले च विपुलं 728 96. 96. वदेन्दुविनिर्जित: 929 97. 22. विचित्रपत्रांकुर 268 98. 56. विश्वोपप्लवश्मनैक 651 99. 24. शिशिरीकुरुते कदा 303 100. 98. शुश्रूयसे शृणु 942 101. 93. श्रृंगाररस सर्वस्वं 908 102. 83. सर्वज्ञत्वे च मौग्धे 843 103. 23. सार्धं समृद्धैरमृता 278 104. 79. सोऽयं विलासमुरली 823 105. 82. सोऽयं मुनीन्द्रजन 839 106. 21. स्तोकस्तोकनिरुध्य 254 107. 11. हृदये 156 108. 40. हे देव 473 - - अंतिम पृष्ठ 1041 वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ ऋ ॠ ऑ श्र अः